- Date : 29/07/2023
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GST Invoice: ई-चालान की मौजूदा सीमा 10 करोड़ रुपये है। सरकार अब मध्यम आकार और विस्तार करने वाले छोटे बिजनेसेज को मानदंडों के तहत लाने की कोशिश में है।

GST Invoice: अगले महीने, यानी एक अगस्त से 5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा के कुल कारोबार वाले बिजनेसमैन को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के तहत अनिवार्य रूप से ई-चालान का ऑप्शन चुनना होगा। इस कदम का उद्देश्य जीएसटी के तहत संग्रह को बढ़ावा देना और अनुपालन में सुधार करना है, जो कि टैक्स अधिकारियों के लिए एक फोकस क्षेत्र रहा है। बीते मई में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने निचली सीमा को नोटिफाई किया था, जो अब 1 अगस्त से लागू होगी। पिछले कुछ वर्षों में यह लिमिट धीरे-धीरे कम हुई है।
सीबीआईसी का कहना है कि वैसे जीएसटी करदाता, जिनका कुल कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उनके लिए एक अगस्त से वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति या निर्यात के लिए ई-चालान बनाना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य जीएसटी के तहत कलेक्शन को बढ़ाना है। ई-चालान के तहत, जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यक्तियों को सभी बी2बी और निर्यात चालान को चालान पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) पर अपलोड करना जरूरी है। बदले में आईआरपी व्यक्ति को एक अद्वितीय चालान संदर्भ संख्या प्रदान करता है, जिसे बाद में जीएसटी पोर्टल पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के बीच चालान का मिलान करने में मदद करता है और दोहराव और त्रुटियों को भी कम करता है।
बिजनेसेज के लिए ई-चालान के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने की वर्तमान सीमा 10 करोड़ रुपये है, लेकिन ज्यादा बिजनेस को सिस्टम के तहत लाने के लिए टैक्स डिपार्टमेंट इसे धीरे-धीरे कम कर रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि कई मध्यम आकार और विस्तारित छोटे व्यवसायों को अब ई-चालान सिस्टम के तहत लाया जाएगा। शुरुआत में 1 अक्टूबर 2020 से 500 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों के लिए ई-चालान अनिवार्य था।