ITR Filing: टैक्स बचाने के लिए फर्जी रेंट रसीद लगाने वालें हो जाएं सतर्क, आयकर विभाग लगा सकता है भारी जुर्माना

टैक्स बचाने के लिए गलत रेंट रिसिप्ट लगाने वालों को आयकर विभाग उसके वास्तविक कर भुगतान का 200 फीसदी तक जुर्माना लगा सकता है।

ITR Filing

ITR Filing: आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के लिए फर्जी रेंट रसीदों का उपयोग करने वाले टैक्सपेयर्स से निपटने के प्रयास तेज कर दिए हैं। कर छूट के प्रमाण के लिए व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जाते हैं। वहीं, कम इनकम बताने वालों को जांच के साथ ही जुर्माना के दायरे में भी आना पड़ सकता है। ऐसे में आप भी अगर टैक्स बचाने के लिए गलत हथकंडे अपना रहे हैं तो सतर्क हो जाएं, नहीं तो इसका भारी नुकसान हो सकता है और टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस भी आ सकता है।

दरअसल, जैसे-जैसे आईटीआर फाइल करने की समय सीमा 31 जुलाई 2023 करीब आ रही है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन टैक्सपेयर्स से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर रहा है, जो टैक्स से बचने के लिए नकली किराया रसीदों का उपयोग कर सकते हैं। आयकर विभाग गलत या गलत आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा करने वाले वेतनभोगी व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रहा है। नकली किराए की रसीदें जमा करने से लेकर झूठे दान तक, टैक्स डिपार्टमेंट सक्रिय रूप से ऐसे रिटर्न को चिन्हित कर रहा है।

आपको बता दें कि वेतनभोगी लोगों को अपने मकान मालिक के पैन का खुलासा किए बिना (धारा 10(13ए) के अनुसार) एक लाख रुपये तक के किराये पर टैक्स से छूट का दावा करने की इजाजत दी गई है। हालांकि, बहुत से लोग इस प्रावधान का लाभ उठा रहे हैं, जिससे ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है, जहां टैक्सपेयर्स को टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल रहे हैं और उनकी कर छूट को मान्य करने के लिए सबूत मांगे जा रहे हैं। ऐसे दावों की सत्यता की जांच के लिए आयकर विभाग आईटीआर से डेटा का विश्लेषण करके और टैक्सपेयर्स से सत्यापन समेत बाहरी स्रोतों से प्राप्त जानकारी के साथ इसे क्रॉस-रेफरेंस करके लोगों की 360 डिग्री प्रोफाइलिंग कर रहे हैं। अगर किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती हैं, तो कर विभाग इन करदाताओं को नोटिस जारी कर सकता है।

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