- Date : 19/07/2023
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आयकर रिटर्न फाइलिंग में फॉर्म 26AS और AIS जरूरी हैं। बेमेल जानकारियाँ आयकर रिटर्न फाइलिंग खारिज होने या अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है।

Importance of Form 26AS and AIS in ITR Filing 2023.: वित्त वर्ष 2022-23 आयकर रिटर्न फाइलिंग (Income Tax Return Filing) करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2023 नजदीक आ रही है है। ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं जिनके बारे में आपके पास पहले से जानकारी होना शामिल है। इनमें फॉर्म 26AS, AIS, एन्युअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट के साथ टीडीएस और टीसीएस से संबंधित जानकारियाँ शामिल हैं। इन्हें नज़रअंदाज़ करने से भविष्य में संभावित परेशानी और जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं। जानते हैं कि इन्हें कैसे एक्सेस कर सकते हैं और रिटर्न फाइलिंग में इनका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
- वित्त वर्ष 2022-23 में रिटर्न फाइलिंग करने का आसान तरीका
- सटीक टैक्स फाइलिंग के लिए फॉर्म 26AS और AIS कितना जरूरी
- टीडीएस और टीसीएस से संबंधित दस्तावेजों का महत्व
- एन्युअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट, सेल्फ असेसमेंट टैक्स और एडवांस टैक्स से जुड़ी जानकारी
आयकर रिटर्न फाइलिंग (Income Tax Return Filing) करने की प्रक्रिया के शुरुआती चरण में सभी आवश्यक दस्तावेज साथ होने चाहिए। इनमें फॉर्म 16, आपकी आय और निवेश के प्रमाण से संबंधित दस्तावेज अनिवार्य है। इसके साथ ही फॉर्म 26AS और एन्युअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS), दो ऐसे दस्तावेज हैं जो काफी महत्वपूर्ण हैं। अक्सर लोगों को इन दस्तावेजों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं होती और इससे उनके आयकर रिटर्न फाइलिंग में विसंगतियाँ आ जाती है।
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फॉर्म 26AS और AIS (एन्युअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट) क्या है?
फॉर्म 26AS एक वार्षिक कर विवरण है जो एक व्यक्ति द्वारा भुगतान किए गए टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स और सेल्फ असेसमेंट टैक्स का विवरण दिखाता है। आईटीआर दाखिल करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो टैक्स कटौती और क्रेडिट की सटीकता को सत्यापित करने में मदद करता है। आयकर विभाग ई-फाइलिंग पोर्टल से फॉर्म 26AS डाउनलोड कर सकते हैं।
जहां तक AIS की बात है, यह नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था और यह टीडीएस प्रमाणपत्र के साथ फॉर्म 16A के विस्तार के रूप में कार्य करता है। आयकर विभाग की वेबसाइट: https://www.incometax.gov.in पर लॉग इन करके AIS तक पहुंचा जा सकता है।
फॉर्म 26AS और AIS में क्या अंतर है?
AIS के लॉन्च से पहले, आयकर रिटर्न फाइलिंग के लिए लोग केवल फॉर्म 26AS पर निर्भर थे। एक तरह से फॉर्म 26AS एक टैक्स पासबुक के रूप में कार्य करता है, जिसमें किसी व्यक्ति के पैन के तहत जमा किए गए करों के बारे में जानकारी शामिल होती है।
हालाँकि, AIS फॉर्म 26AS से अधिक व्यापक है। यह कर भुगतान विवरण के साथ विभिन्न स्रोतों, जैसे वेतन, ब्याज, लाभांश, पूंजीगत लाभ और अन्य स्त्रोतों से करदाता की आय से संबंधित जानकारी भी शामिल करता है।
आयकर रिटर्न फाइलिंग में फॉर्म 26AS और AIS का क्या महत्व है?
विशेषज्ञों के अनुसार, AIS और फॉर्म 26AS दोनों आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हैं। आयकर विभाग अब मुख्य रूप से फॉर्म 26AS के भीतर टीडीएस और टीसीएस जानकारी पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके विपरीत, AIS करदाता द्वारा भुगतान किए गए अतिरिक्त करों के बारे में विवरण प्रदान करता है, जिसमें सेल्फ असेसमेंट टैक्स और एडवांस टैक्स शामिल हैं। इसलिए, अपना आईटीआर दाखिल करते समय दोनों दस्तावेजों में मौजूद जानकारी अनिवार्य है।
फॉर्म 26AS और AIS के बारे में ध्यान रखने योग्य कुछ प्रमुख बातें क्या हैं?
- यदि फॉर्म 26AS और AIS के बीच कोई विसंगति है, तो करदाताओं को फॉर्म 26AS पर भरोसा करना चाहिए।
- गलत या पुरानी जानकारी के मामले में, करदाता वैध दस्तावेज प्रदान करके AIS या फॉर्म 26AS में सुधार का अनुरोध कर सकते हैं।
- लेन-देन के प्रमाण के रूप में वैध दस्तावेज़ होना आवश्यक है, क्योंकि आयकर विभाग द्वारा उनका अनुरोध किया जा सकता है।
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