- Date : 21/07/2023
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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है, ऐसे में अंतिम समय में किसी तरह की हड़बड़ाहट दिखाने से पहले आप आईटीआर फाइल कर ही दें। आज हम आपको आईटीआर फाइल करने में होने वाले मिनिमम और मैक्सिमम खर्च के बारे में बताने जा रहे हैं।

ITR Filing Cost: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आने वाले खर्च को लेकर बहुत लोगों के मन में तरह-तरह के सवाह रहते हैं कि इसमें कितना खर्च आएगा। ऐसे लोगों को बता दें कि जो कोई प्राइवेट टैक्स फाइल करने वाले पोर्टल की सुविधा लेते हैं, लेकिन स्वतंत्र रूप से अपना टैक्स फाइल करना चाहते हैं, उनके लिए आम तौर पर फीस 200 रुपये से 250 रुपये तक होता है। वहीं, अगर किसी तरह की परेशानी है तो एक्सपर्ट की सहायता के साथ एक निजी पोर्टल के माध्यम से रिटर्न दाखिल करने में लोगों को 4500 रुपये से लेकर 7000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। ज्यादा विदेशी संपत्ति होने पर यह बढ़कर 10,000 रुपये तक पहुंच सकता है।
आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की लागत चुने गए तरीके और सहायता के स्तर के आधार पर अलग-अलग होती है। सबसे ज्यादा कॉस्ट इफेक्टिव ऑप्शन ऑफिशियल सरकारी पोर्टल का उपयोग करना है, जो लोगों को मुफ्त में अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है। जो लोग निजी टैक्स फाइलिंग पोर्टल की सुविधा पसंद करते हैं, लेकिन स्वतंत्र रूप से अपना टैक्स दाखिल करना चाहते हैं, उनके लिए शुल्क आम तौर पर 200 रुपये से 250 रुपये तक होता है। हालांकि, बहुत से लोग सटीक फाइलिंग सुनिश्चित करने और कटौती को मैक्सिमम करने के लिए एक्सपर्ट हेल्प का ऑप्शन चुनते हैं।
एसएजी इन्फोटेक के एमडी अमित गुप्ता का कहना है कि टैक्स एक्सपर्ट हेल्प के साथ एक प्राइवेट पोर्टल का उपयोग करने में लगभग 1,500 रुपये से 2,000 रुपये का खर्च आता है। विदेशी संपत्ति के अपेक्षाकृत सीधे मामलों वाले लोग एक्सपर्ट हेल्प के लिए लगभग 3,000 रुपये से 4,000 रुपये का भुगतान कर सकते हैं, जबकि ज्यादा मुश्किल परिस्थितियों वाले लोगों को 4,500 रुपये से 7,000 रुपये की फीस देनी पड़ सकती है। आपको बता दें कि आईईटीआर को सही ढंग से फाइल करना जरूरी है, नहीं तो इसके कई वित्तीय प्रभाव हो सकते हैं। डीवीएस एडवाइजर्स के पार्टनर सुंदर राजन टीके का कहना है कि निर्धारित 31 जुलाई की नियत तारीख के बाद भी रिटर्न दाखिल हो सकता है, लेकिन इसके कुछ निश्चित परिणाम होते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अगर घर की संपत्ति से कोई अन्य नुकसान होता है, तो उसे आगे ले जाने और बाद के वर्षों में समायोजित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें कि आय के स्तर के आधार पर 31 दिसंबर तक देर से दाखिल करने की फीस या तो 5000 रुपये या 1000 रुपये होगी। रिटर्न दाखिल करने की तारीख तक 1 फीसदी ब्याज लगाया जाएगा।