एनआरआई उपहार पर क्या हैं टैक्स नियम? इस राशि से ज्यादा लिया तो भरना पड़ेगा भारी टैक्स!

भारत में उपहार कर के नियमों को समझकर उपहार और टैक्स से जुड़ी जटिलताओं से बचा जा सकता है।

एनआरआई उपहार पर क्या हैं टैक्स नियम

Tax on Gifts from NRIs: अनिवासी भारतीयों यानि एनआरआई से उपहार प्राप्त करने पर भारतीय करदाताओं को टैक्स भरना पड़ सकता है। एनआरआई उपहार कर से जुड़े इन नियमों मे कई प्रकार के प्रावधान दिए गए हैं, इसलिए उपहार और टैक्स की पेचीदगियों को समझना महत्वपूर्ण हो जाता है। 

एनआरआई उपहार कर क्या है? 

एनआरआई उपहार कर को बेहतर तरीके से समझने के पहले कुछ मूलभूत बातों से परिचित होना जरूरी है। ये नियमों और संबंधित मुद्दों को समझने में आपकी सहायता करेंगे।

आयकर अधिनियम एक उपहार को किसी भी संपत्ति की प्राप्ति के रूप में परिभाषित करता है, जैसे कि पैसा या मौद्रिक मूल्य का कुछ और। इन संपत्तियों में नकद, चल और अचल संपत्ति, गहने और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। 

एनआरआई उपहार कर के संदर्भ में यह बात समझना सबसे जरूरी है कि टैक्स के नियम रिश्तेदारों और गैर-रिश्तेदारों के लिए अलग-अलग हैं। 

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प्राप्त उपहारों पर कराधान

भारत में उपहार कर को 1998 में समाप्त कर दिया गया था। हालांकि, एनआरआई से प्राप्त उपहार, दाता, उपहार का मूल्य और उसकी प्रकृति के आधार पर आयकर नियमों के तहत कराधान के अधीन रहे हैं। 

यदि कोई गैर-रिश्तेदार एनआरआई किसी भारतीय निवासी को उपहार के रूप में नकद देता है, तो पूरी राशि आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) (x) के तहत 'अन्य स्रोतों से आय' यानि 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के रूप में कर योग्य है। नतीजतन, प्राप्तकर्ता को उपहार में मिली राशि को अपनी कुल आय में शामिल करना चाहिए और लागू स्लैब दरों के आधार पर करों का भुगतान करना चाहिए।

दूसरी ओर, गैर-नकदी उपहार जैसे चल या अचल संपत्ति, गहने, कलाकृति आदि, एक अलग कराधान के तहत आते हैं। प्राप्तकर्ता को प्राप्ति की तिथि पर उपहार का उचित बाजार मूल्य यानि फेयर मार्केट वैल्यू (एफएमवी) निर्धारित करना चाहिए। यदि पूरे वित्तीय वर्ष में प्राप्त सभी उपहारों का संचयी एफएमवी 50,000 रुपये से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि टैक्स योग्य हो जाती है। 

एनआरआई उपहार जिन पर कोई टैक्स नहीं लगता 

निर्दिष्ट रिश्तेदारों जैसे माता-पिता, भाई-बहन और पति-पत्नी, आदि के उपहार कराधान से मुक्त हैं, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो। विशेष अवसरों जैसे विवाह, आदि पर प्राप्त उपहार, विरासत या वसीयत के तहत मिले उपहार भी ऐसे होते हैं जिन पर कोई कर नहीं लगता। 

उपहार और टैक्स के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें

  • भारतीय करदाता जो गैर-रिश्तेदार एनआरआई से 50,000 रुपये से अधिक के उपहार प्राप्त करते हैं, वे अपने आयकर रिटर्न में इन उपहारों के विवरण का खुलासा करने के लिए बाध्य हैं। उन्हें अपना कर रिटर्न दाखिल करते समय दान की प्रकृति, मूल्य और विवरण के बारे में जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
  • विशेषज्ञों द्वारा करदाताओं को एनआरआई से प्राप्त सभी उपहारों का रिकार्ड रखने और अपने आयकर रिटर्न में प्रकट करने की सलाह दी जाती है।
  • इसके अलावा, इस बात का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि यदि आप उपहार, विरासत या वसीयत में मिले उपहारों पर आय अर्जित करते हैं तो यह पूंजीगत लाभ कर के दायरे में आ जाता है। 

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